आज हिमालय की चोटी से,
ध्वज भगवा लहराएगा,
जाग उठा है हिन्दू फिर से, भारत को स्वर्ग
बनाएगा ।। इस झंडेकी महिमा देखो, रंगत अजब
निराली है, इस पर तो ईश्वर ने डाली, सूर्योदय
की लाली है, प्रखर अग्नि में इसकी पड़, शत्रु
स्वाहा हो जाएगा, जाग उठा है हिन्दू फिर से, भारत
को स्वर्ग बनायेगा।। इस झंडे को चन्द्रगुप्त ने,
हिन्दू-कुश पर लहराया, मरहटों ने मुग़ल-तख़्त को चूर-
चूर कर दिखलाया, मिट्टी में मिल
जाएगा जो इसको अकड़ दिखाएगा, जाग उठा है हिन्दू
फिर से, भारत को स्वर्ग बनायेगा॥
इस झंडे की खातिर देखो, प्राण दिए थे वीरों ने, लहू
पिया था दुश्मन का, उनकी तलवारों ने, बच्चा-
बच्चा वीर बनेगा, अपना रक्त बहाएगा, जाग उठा है
हिन्दू फिर से, भारत को स्वर्ग बनायेगा॥
जय हिन्दू राष्ट्र ! भारत माता की जय !!
ध्वज भगवा लहराएगा,
जाग उठा है हिन्दू फिर से, भारत को स्वर्ग
बनाएगा ।। इस झंडेकी महिमा देखो, रंगत अजब
निराली है, इस पर तो ईश्वर ने डाली, सूर्योदय
की लाली है, प्रखर अग्नि में इसकी पड़, शत्रु
स्वाहा हो जाएगा, जाग उठा है हिन्दू फिर से, भारत
को स्वर्ग बनायेगा।। इस झंडे को चन्द्रगुप्त ने,
हिन्दू-कुश पर लहराया, मरहटों ने मुग़ल-तख़्त को चूर-
चूर कर दिखलाया, मिट्टी में मिल
जाएगा जो इसको अकड़ दिखाएगा, जाग उठा है हिन्दू
फिर से, भारत को स्वर्ग बनायेगा॥
इस झंडे की खातिर देखो, प्राण दिए थे वीरों ने, लहू
पिया था दुश्मन का, उनकी तलवारों ने, बच्चा-
बच्चा वीर बनेगा, अपना रक्त बहाएगा, जाग उठा है
हिन्दू फिर से, भारत को स्वर्ग बनायेगा॥
जय हिन्दू राष्ट्र ! भारत माता की जय !!
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
आपकी टिप्पणी के लिये अग्रिम धन्यवाद!