शुक्रवार, 12 जनवरी 2024

भजन - मेरे घर राम आये हैं

 भजन - मेरे घर राम आये हैं

 -डॉ उमेश प्रताप वत्स 


सजाऊं घर को मंदिर सा 

मेरे प्रभू राम आये हैं

बजाऊं शंख और डमरू 

मेरे घर राम आये हैं 

सजाऊं घर को मंदिर सा 

मेरे प्रभू राम आये हैं 


सुनो ऐ ! जग के सब प्राणी 

पशु , मानव या वृक्ष जंगल 

बनाऊं फूलों से मार्ग 

अवध के राम आये हैं 

सजाऊं घर को मंदिर सा 

मेरे प्रभू राम आये हैं


ऐ बादल छाया कर देना 

मेरे प्रभू राम के ऊपर 

हवाओं गीत मधुर गाओ 

मेरे श्री राम आये हैं 

सजाऊं घर को मंदिर सा 

मेरे प्रभू राम आये हैं


सजाऊं अपनी कुटिया को 

ले फूलों से तनिक खुशबू 

मैं शून्य हो खड़ा देखूँ 

मेरे घर राम आये हैं 

सजाऊं घर को मंदिर सा 

मेरे प्रभू राम आये हैं


भूलाकर मोह के बंधन 

प्रभू के चरणों को देखूँ 

सूझता ही नहीं कुछ भी 

सियापति राम आये हैं 

सजाऊं घर को मंदिर सा 

मेरे प्रभू राम आये हैं


मेरी अश्रु की धारा भी 

प्रेम में बहती ही जाये 

मगन होकर मैं नाचूँ रे 

मेरे घनश्याम आये हैं 

सजाऊं घर को मंदिर सा 

मेरे प्रभू राम आये हैं

- रचनाकार 

डॉ उमेश प्रताप वत्स

 कवि, प्रसिद्ध कथाकार, लेखक एवं स्तंभकार है ।

umeshpvats@gmail.com

#14 शिवदयाल पुरी, निकट आइटीआइ

यमुनानगर, हरियाणा - 135001

9416966424



कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

आपकी टिप्पणी के लिये अग्रिम धन्यवाद!