रविवार, 28 अगस्त 2011

ये आरक्षण देश को निगल रहा है

ये आरक्षण देश को निगल रहा है----------- मैं शतप्रतिशत आरक्षण के विरोध में हूँ किन्तु आरक्षित श्रेणी के कदापि नहीं। आरक्षण आपसी प्रेम, भाईचारे को समाप्त कर रहा है, योग्यता को निराशा में धकेल रहा है, गुणवत्ता में अड़चन डाल रहा है। यदि बीपीएल को निष्पक्ष रुप में स्वीकार किया जाए तो क्या सभी जातियों को लाभ नही मिलेगा। आज संसद में स्वयं को घॉघ समझने वाले नेताओं ने जनलोकपाल बिल में भी दलित के लिए जगह देने की बात की । ये बताए कि क्या भ्रष्टाचार जाति धर्म पूछ कर किया जाता है।

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