रविवार, 14 अगस्त 2011

आजादी

आजादी

आजादी

तीन अक्षरों का मेल है

इसके बिना तो

घर में भी जेल है

आजादी

प्रतिक्षा है

जंजीरों की खनखनाहट से

छुटकारा पाने की

खुले गगन में साँस लेने की

आजादी

प्रतिष्ठा है

आत्मा की

पूर्वजों के सपनों की

और मानवता की

आजादी

चाह है

किसी को चाहने की

मिलकर कदम बढ़ाने की

आजादी

सपना है

कैद में रहने वालों का

घर में अस्सी पार कर चुके

बूढ़ी आँखों का

आजादी

अवसर है

गल्तियाँ सुधारने का

सीखने और सीखाने का

आजादी

खेल है

दानवता का

मानवता को

तहस नहस करने वालों का

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