शनिवार, 15 फ़रवरी 2014

हे शारदे मां

हे शारदे मां, हे शारदे मां अज्ञानता से हमें तार दे मां
तु स्वर की देवी है संगीत तुझसे, हर शब्द तेरा है हर गीत तुझसे,
हम है अकेले, हम है अधुरे, तेरी शरण हम,हमे प्यार दे मां
हे शारदे मां, हे शारदे मां अज्ञानता से हमें तार दे मां
मुनीओं ने समझी, गुणीओं ने जानी, वेदों की भाषा, पुराणों की बानी,
हम भी तो समझें, हम भी तो जानें,विद्या का हमको अधिकार दे मां
हे शारदे मां, हे शारदे मां अज्ञानता से हमें तार दे मां
तु श्वेतवरणी, कमल पे बिराजे, हाथों में वीणा, मुकुट सर पे साजे,
मन से हमारे मिटा दे अंधेरे,हमको उजालों का सॆसार दे मां
हे शारदे मां, हे शारदे मां अज्ञानता से हमें तार दे माँ।।
आप सभी को बसंत पंचमी की हार्दिक हार्दिक शुभकामनायें।।
माँ सरस्वती जी अपनी कृपा आप पर सदैव बनाये रखें ।।

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