मंगलवार, 4 जनवरी 2022

लघुकथा - शादी

 जैसे ही अमरसिंह की रिंगटोन बजी, श्मशानघाट में सबका ध्यान उसकी ओर गया। थोड़ा पीछे होकर फोन रिसीव करते हुए पत्नी को बोले, "तुम तैयार होकर बाहर रोड़ पर आ जाओ," यही से सीधे शादी में चल पड़ेंगे।"


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

आपकी टिप्पणी के लिये अग्रिम धन्यवाद!